छोटी-छोटी बातें और व्यक्तित्व की पूर्णता

कई बार कई चीजें अक्सर हमारे सामने होती हैं लेकिन हम इन पर ध्यान नहीं देते या इन्हें देखकर भी नजरअंदाज कर देते हैं. ऐसा ही एक अंग्रेजी quote है "Small Things Makes Perfection". आइए आज की ब्लॉग पोस्ट में इस English Quote पर Hindi (हिंदी) में कुछ चर्चा करते हैं.



कई बार कई चीजें अक्सर हमारे सामने होती हैं लेकिन हम इन पर ध्यान नहीं देते या इन्हें देखकर भी नजरअंदाज कर देते हैं. ऐसा ही एक अंग्रेजी quote है "Small Things Makes Perfection". आइए आज की ब्लॉग पोस्ट में इस English Quote पर Hindi (हिंदी) में कुछ चर्चा करते हैं.   Small Things Make Great Perfection Hindi Blog Post छोटी-छोटी बातें :

छोटी-छोटी बातें :

जिंदगी में कई बार कई छोटी-छोटी बातें बड़ी बातों को अधिक महत्व देने के कारण छोटी ही रह जाती हैं और हमारे व्यक्तित्व या कर्मक्षेत्र में हम बड़े-बड़े कामों को सफलतापूर्वक अंजाम देने के बावजूद भी कुछ छोटी-छोटी बातों में अपूर्ण रह जाते हैं. यही छोटी-छोटी बातें हमारे व्यक्तित्व की छोटी-छोटी कमियां बन जाती हैं. फिर कमी तो कमी ही रहती है और दूसरे लोगों को हम पर आरोप लगाने का अवसर मिल जाता है कि देखो फलां व्यक्ति ने यह नहीं किया या फलां व्यक्ति इतना छोटा सा काम भी नहीं कर सकता.

छोटी-छोटी मगर मोटी बातें:

Small Things Make Great Perfection Hindi Blog Postअगर हम ध्यान दें तो कई बार छोटी-छोटी बातों से हमें बड़े-बड़े राज मिल जाते हैं. कुछ लोग छोटे सी बात में ही बहुत मोटी बात कह जाते हैं. अगर हमने इस पर ध्यान दिया तो हमें जिन्दगी में बहुत काम की बात मिल जाती है और अगर हमने छोटी बात समझ कर इसे नजरअंदाज कर दिया तो हम चूक जाते हैं. कुछ समझदार लोग बहुत गूढ़ बात को छोटी और साधारण सी लगने वाली बात के माध्यम से कहते हैं. समझदार के लिए इशारा काफी होता है. अगर यहाँ भी चूके तो हो गया नुकसान.

छोटी-छोटी चीजें

हम में से कई लोगों का अनुभव होगा कि बाजार जाते समय ध्यान रहता है कि ये-ये  चीजें लाना है और बाजार जाकर बड़ी बड़ी चीजें तो सब ले आते हैं और छोटो-छोटी चीजें भूल जाते है. अगर ऐसा कभी-कभार हो तब तो कोई बात नहीं और अगर अक्सर होने लगे तो यहीं से एक खराब आदत की शुरुआत होती है और हम एक गैर जिम्मेदार व्यक्ति की तरह समझे जाने लगते हैं. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि हर चीज महत्वपूर्ण होती है चाहे वह छोटी हो या बड़ी.

छोटी-छोटी सी जिम्मेदारी

मित्रों, आपने छोटे-छोटे बच्चों को होमवर्क करते देखा ही होगा. कभी आपने गौर किया कि वो अपनी पेंसिल, कापी, बैग आदि की देखभाल कितने व्यवस्थित ढंग से करते है. कोई एक किताब का काम पूरा होने के बाद पहले उसे बड़ी चिंता से बैग में रखेंगे फिर दूसरी निकालेंगे. छोटे बच्चों से हमें कई बड़ी-बड़ी बातें सीखने को मिलती हैं मगर हम में से कई लोग बड़े होकर कई बार कितने लापरवाह और अव्यवस्थित हो जाते हैं. हो सकता है बड़े होने पर हम पर जिम्मेदारियां और कार्य भार अधिक आ जाने के कारण ऐसा होता हो. मगर कई बार जब हमें जिम्मेदार और एकाग्र चित्त वाले व्यक्तियों से वास्ता पड़ता है तो कितना कुछ सीखने को मिलता है.

छोटी-छोटी चीजों से पूर्णता

कोई भी काम छोटे-छोटे स्टेप्स से मिल कर ही पूरा होता है. और अगर हम हर छोटे से छोटे काम को भी पूरी कुशलता और ध्यान से करें तो निशित ही हमें लाभ होगा. छोटा या साधारण समझ कर किसी जरुरी काम को नजरअंदाज करने का मतलब है कि हम छोटे छोटे कारणों से असफलता की और जा रहे हैं. यह कथन निश्चित ही बहुत महत्व का है कि “छोटी-छोटी बातों का भी उचित ध्यान रखना चाहिए”.

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